हीट स्ट्रोक से बचने के लिए दवाई के अलावा क्या इस्तेमाल करें ?

हीट स्ट्रोक से बचने के लिए दवाई के अलावा क्या इस्तेमाल करें ?

हम यह समझते है की हमारे छोटे किसान भाई जो की कम पूंजी और कम लागत में मुर्गी पालन शुरू करते है उनके पास किसी भी तरह की आपदा और जोखिम को संभालने के लिए पूंजी होनी आवश्यक है। इसके लिए रोजमर्रा के खर्चे कम से कम में निपटाने ज़रूरी है और अगर वह देशी नेचुरल विधि से हो तब तो बहुत ही बढ़िया बात है। इससे मुर्गिओं की सेहत पर भी कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा और ना ही किसानो की जेब पर भी।

हालाँकि, गर्मियों का मौसम मुर्गियों के लिए बहुत ही अनुकूल नहीं होता तब किसान भाई मुर्गियों को मोर्टेलिटी से बचाने के लिए अधिक ध्यान देना आवश्यक हो जाता है। मुर्गियों को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए मार्केट में दवाइयां भी उपलब्ध है और ये दवाइयां महज ही सस्ती होती है। लेकिन अगर आप प्राकृतिक विधि द्वारा मुर्गियों को हीट से बचाते है तब यह बहुत ही अच्छा उपाय होगा।

आप मुर्गियों को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए आंवला खिला सकते है, आंवला जो बहुत रिच होता हे Vitamin C में और अगर आप 1 किलो आंवला 1 टन फीड में उसके गुठली सहित ही पीस के उसे खिला देते हो तो उसमे 60 ग्राम विटामिन सी मुर्गी को मिल जाता हे। इसमें फीड किस समय डालनी हे और फार्म मैनेजमेंट सुधारना है इसमें किसान का ध्यान ज्यादा होना चाहिए।

कैसे पता लगाएं की मुर्गियों  को पानी की आवश्यकता है ?

कैसे पता लगाएं की मुर्गियों  को पानी की आवश्यकता है ?

मुर्गी में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, लेकिन कैसे पता लगाएं की मुर्गियों में पानी की कमी हो रही या मुर्गियों को पानी की आवश्यकता है। इसका पता तब चलता है जब मुर्गियां बार बार मुंह खोलती रहती है। इसका मतलब है उन्हें पानी की आवश्यकता है।

अगर हो तो पानी में नामकूल ( 1 हफ्ते में 1 बार ) मिला के पिलायें, शाम को 3 या 4 बजे  ग्लूकोस (डेली) पानी में मिला कर पीला दे।इस से मुर्गियों में पानी की मात्रा बनी रहेगी।

कभी कभी  मुर्गियां जब पानी नहीं पी रही हो तब किसान भाई को चाहिए की वो ये चेक करें की निप्पल में पानी आ रहा है या नहीं, और अगर पानी आ रहा है तब पानी गरम तो नहीं है। गर्मियों में पानी का  तापमान बढ़ जाता है जिसकी वजह से भी मुर्गिया पानी नहीं पीती है। अगर निप्पल के पाइप का पानी का तापमान बढ़ जाये तो किसान भाई को चाहिए की पानी की टंकी में बर्फ डालें, इससे पानी का तापनमान अनुकूलित बना रहेगा और मुर्गिओं को पानी पिने में असुविधा नहीं होगी।

अगर पानी की टंकी सूर्य की किरणों के सीधे में है तब टंकी को बोरे से ढक दें और उसके ऊपर छप्पर लगाए, जिससे टंकी के पानी का तापमान अधिक नहीं होगा और बर्फ डालने के बाद भी अधिक देर तक पानी ठंडा रहेगा।

पानी कम पीने से भी  प्रोडक्शन  में गिरावट आ जाती है, इसीलिए पानी पीने की शैली पर भी ध्यान देना आवश्यक है। किसान भाइयों को चाहिए की वो मुर्गियों को उनकी उम्र के अनुसार पानी दे, हर उम्र की मुर्गिओं को पानी की ज़रूरत अलग अलग होती है।अलग अलग ब्रीड कंपनी के अनुसार, किस उम्र की मुर्गिओं को कितने पानी पीने चाहिए यह जानकारी किसान भाई कंपनी द्वारा दी गयी पुस्तक की तालिका में देख सकते है।और किस उम्र की मुर्गी वास्तव में कितना पानी पी रही है इसे भी नोट कर रिकॉर्ड रख सकते है, जिससे उन्हें मुर्गिओं की पानी पीने की शैली का पता चलेगा।

किसानों को फीड में क्या बदलाव करने चाहिए?

किसानों को फीड में क्या बदलाव करने चाहिए?

जब मुर्गी फीड कम खाएगी तो उसको 4 बजे के ठंडे समय में देनी चाहिए। दूसरा जोकि गलत मैनेजमेंट का पार्ट है, वह ये है की किसान भाई मुर्गियों को 8 बजे रात मे दाना देते है किसान ये सोचते है की रात में मुर्गी दाना ज्यादा खाएगी, लेकिन दरअसल में होता यह है की रात में काफी जगहों में हवा चली बंद हो जाती है जब हवा बंद हो जाती  है तो इस समय मुर्गी में मोर्टेलिटी शुरू हो जाती  है और लोग ये सोचते हैं उन्होंने फीड ठन्डे टेम्परेचर में दिया, लेकिन यह  बहुत गलत प्रैक्टिस है।

फीड देने का टाइम गर्मियों में ज्यादातर 2:30 से 4 बजे के बीच में भले ही टेम्परेचर 35 डिग्री हो, लेकिन हवा चल रही होती है। मुर्गी हवा बंद होने से मरती है टेंपरेचर से नहीं मरती। मुर्गी 36 या 38 डिग्री टेंपरेचर को बर्दाश्त कर लेती हे लेकिन हवा बंद मुर्गी को बर्दाश्त नहीं होती।

दूसरी प्रैक्टिस ये होती हे की उसमे वो फीड की डेंसिटी बड़ा दे। वो फार्मर फीड में तेल डाले क्योँकि बर्ड कम खा रही हे और तेल से उसको क्विक एनर्जी मिल जाएगी। विटामिन्स, ट्रेस मिनरल की डोस बड़ा दें और कार्बोहायड्रेट (मक्का, बाजरा , रागी, चावल) की एनर्जी को अगर आप आयल की फॉर्म में दें। चूँकि आयल की एनर्जी को लेकर लोगों में ग़लतफमही ये है की वो सोचते हैं, आयल गरम होता है लेकिन ऐसा नहीं है, तेल ठंडा होता है। अगर आप तेल को दे रहे हैं तो तेल आपकी कैलोरी बड़ा रहा है ना कि उसको गर्मी कर रहा हे जबकि मक्का गर्मी करता है।

तेल के और फायदे भी हैं जैसे जितने भी फैट सॉल्युबल विटामिन हैं A , D , E, K उनको फीड में खींच कर ले जाएगा। साथ मैं दूसरा फ़ायदा यह हे जो तेल वाली फीड होती हे वो अंतड़ियों में लम्बे समय तक रहेगी, तेल हम सिर्फ कैलोरीज बढ़ाने क लिए नहीं देते फैटी एसिड्स के लिए भी देते हैं बहुत सरे फैटी एसिड्स ऐसे हैं जो सिर्फ तेलों में ही पाए जाते हैं इसी लिए तेल , मीठा सोडा , अमला, pottasium chloride , ammonium chloride , और asprin दें क्योँकि ये चीजे सस्ती भी हैं और पूरी गर्मी का सीजन ये अच्छे से निकल जाता हैं।

COVID का भारतीय पोल्ट्री पर आर्थिक प्रभाव ?

COVID का भारतीय पोल्ट्री पर आर्थिक प्रभाव ?

पोल्ट्री में पिछले 15 महीनों में 3 आर्थिक संकट देखा गया ,ब्रायलर जो कि पिछले साल 80 रुपये  का बेचा जाता  था वो अभी 30 रुपये से 40 रुपये तक बेचा जाता है। ब्रायलर फ़ीड की लागत 38 रुपये प्रति किलो हो गयी हे  जो की पिछले वर्ष 25 रुपये प्रति किलो थी। लेयर फीड की लागत अलग-अलग राज्यों में  24 रुपये से 28 रुपये तक चली गई है। अंडा प्रोडक्शन की लागत 2.80 रुपये अंतिम वर्ष थी जो अब अलग अलग राज्यों में 3.25  रुपये से 3.50 रुपये हो  गयी है।

भारत के सभी राज्यों ने प्रतिदिन 26 करोड़ अंडे का उत्पादन किया है, इसका मतलब है कि अंडे के मामले में लगभग 15 करोड़ रुपये दैनिक नुकसान की गणना की जा सकती है। ब्रॉयलर के प्लेसमेंट में  26 प्रतिशत की गिरावट आयी है, देश भर में मांस और अंडे का निर्यात 525 मिलियन डॉलर से घटकर वर्तमान वर्ष में 325 मिलियन डॉलर हो गया है।

आंध्र और तेलंगाना में रोजाना 15 लाख ब्रॉयलर बिकते हैं जो घटकर 7 से 8 लाख रह गए हैं। ब्रायलर का प्लेसमेंट 15 प्रतिशत  कम हो गया है लेकिन बिक्री 50 प्रतिशत घट गई है।

लेयर इंडस्ट्री में 16 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई है, जब फीड की कीमतें कम थीं, लेकिन पोल्ट्री में वायरल बीमारियों के साथ मक्का की ज्यादा कीमत से सेक्टर को ऐतिहासिक नुकसान हो रहा है।

तीन प्रकार के लॉकडाउन इंडिया में पोल्ट्री के लिए विनाशकारी हैं?

1.  कुछ राज्यों में शनिवार और रविवार तालाबंदी

2. केवल रात के समय लॉकडाउन

3. पूर्ण लॉकडाउन

चूंकि नॉन वेज के लिए रविवार को बिक्री बाकी 6 दिनों की बिक्री के बराबर होती है, इसलिए इसका अधिक प्रभाव पड़ रहा है।

कुछ राज्यों में रात के कर्फ्यू में तालाबंदी –

अधिकांश लोग शराब का सेवन करने के बाद रात या ढाबे से रात के  समय अंडे या मांस लेते हैं, ये सभी बंद हो जाते हैं।

पूर्ण कर्फ्यू या पूर्ण लॉकडाउन –

कुछ राज्यों में अंडे या मांस का परिवहन नहीं होने के कारण इन वाहनों की आपूर्ति लाइन में खराबी आने पर वाहनों को समस्या का सामना करना पड़ता है जिसके वजह से बिक्री में गिरावट आई है ।

इन सभी कारकों ने उपभोक्ताओं की भावनाओं को हिला दिया है।

भविष्य –

चूंकि देश में ब्रॉयलर की प्लेसमेंट 26 प्रतिशत कम है और भारत में लगभग 22 प्रतिशत ब्रायलर माता-पिता की मृत्यु वायरल समस्याओं के कारण होती है । अगले 2 महीने में किसानों को मध्य जून में सोया की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है, इन कारकों के कारण फ़ीड की कीमतें कम हो सकती हैं ।

गणना के अनुसार लॉकडाउन की सख्ती में जून महीने के बाद कमी आएगी, इसके बाद पर्यटन में वृद्धि होगी और स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां बंद हो जाएंगी। इसके बाद नॉन वेज (मीट) का सेवन बढ़ेगा।

और कुछ कम्युनिटी में शादी विवाह भी होगी इसके वजह से नॉन वेज (मीट) की बिक्री में इजाफा होगा. कुल  मिलाकर पोल्ट्री इंडस्ट्री में संकट का प्रमुख प्रभाव COVID एवं उच्च फ़ीड लागत का है ।

द्वारा संकलित – Dr S.K. Khanna – वरिष्ठ पोल्ट्री विशेषज्ञ एवं सलाहकार

Quick and Delicious: Eggoz Egg Bitez – Omelette in a Bite!

Quick and Delicious: Eggoz Egg Bitez – Omelette in a Bite!

Looking for a quick and tasty evening snack? Look no further than Eggoz Egg Bitez – the perfect solution for those craving a satisfying bite of omelette goodness. In this recipe blog, we’ll show you how to whip up a delicious evening snack using Eggoz Egg Bitez that will leave you craving for more!

Ingredients:

  • Eggoz Egg Bitez: Omelette in a Bite
  • Chopped vegetables (bell peppers, onions, tomatoes)
  • Grated cheese
  • Salt and pepper to taste
  • Olive oil or cooking spray

Instructions:

  • Preheat your oven to 350°F (175°C) and grease a muffin tin with olive oil or cooking spray.
  • Take the Eggoz Egg Bitez out of the package and place them evenly in each muffin cup.
  • In a bowl, mix together the chopped vegetables and grated cheese. Season with salt and pepper to taste.
  • Spoon the vegetable and cheese mixture over each Eggoz Bitez, ensuring they are evenly distributed.
  • Place the muffin tin in the preheated oven and bake for 12-15 minutes, or until the Eggoz Bitez are cooked through and golden brown on top.
  • Once cooked, remove the muffin tin from the oven and allow the Eggoz Egg Bitez to cool for a few minutes.
  • Carefully remove the Bitez from the muffin tin and serve hot with your favourite dipping sauce or chutney.

Enjoy your delicious Eggoz Egg Bitez – Omelette in a Bite! Perfect for a quick and satisfying evening snack that will leave you wanting more.